पब्लिक रिलेशन में करियर के फायदे और चुनौतियां

पब्लिक रिलेशन में आजकल युवाओं के लिए रोजगार के काफी अवसर हैं। अगर आप किसी के साथ आसानी से घुलमिल जाते हैं और उनसे संवाद स्थापित कर लेते हैं तो पब्लिक रिलेशन में अपना करियर बना सकते हैं। कुछ हटकर सोचने वालों और नेटवर्किंग में माहिर लोगों के लिए इसमें अपार संभावनाएं हैं। आइए नजर डालते हैं पब्लिक रिलेशन में करियर बनाने के फायदे और चुनौतियों पर-


प्लस प्वाइंट-

1. नेटवर्क- आपका सोशल नेटवर्क काफी मजबूत हो जाता है। आज कल जिसका जितना बड़ा नेटवर्क, वह उतना ज्यादा पावरफुल होता है।

2. पहुंच- नेटवर्क बड़ा होने के कारण आपकी पहुंच काफी ज्यादा लोगों तक होती है और आपको क्या चाहिए… अपनी बातों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना।

3. भरोसा- आप जब बेहतरीन ढंग से दूसरों का प्रमोशन करते हैं, तो वह आप पर भरोसा करने लगते हैं। उनके साथ आपका एक संबंध बन जाता है। आप किसी भी संस्थान में रहेंगे, आपका रेपो काम दिलाता रहेगा।

4. कम खर्च में ज्यादा काम- नेटवर्क बेहतर होने का एक फायदा यह भी होता है कि आपका कैंपेन कोस्ट इफेक्टिव हो जाता है। आप कम खर्च में बेहतर रिजल्ट दे पाते हैं।

5. स्वभाव में बदलाव- सबसे साथ अच्छे से, बेहतर ढंग के मिलने के कारण आपमें एक पॉजिटिव एनर्जी बिल्ड अप होने लगती है। आप एक नई ऊर्जा और उत्साह से भरे रहते हैं।

6. रचनात्मकता- आपकी रचनात्मकता बढ़ जाती है। आपकी सोच बदल जाती है। आप आउट ऑफ द बॉक्स सोचने लगते हैं। ये आपके खुद के विकास के लिए पर्सनलिटी डेवलपमेंट के लिए काफी सहायक है।

7. कंटेंट राइटिंग- यहां आपको कम शब्दों में ज्यादा से ज्यादा चीजें करने की कला आ जाती है। आप कम शब्दों मे बेहतर ढंग से क्लाइंट की बातों को लोगों के सामने रख पाते हैं।

8. टीम भावना- यहां आपको एक टीम के साथ आगे बढ़ने की क्षमता विकसित होती है, जो जीवन के हर क्षेत्र में आपके काम आती है।

9. सोशल मीडिया- सोशल मीडिया में भी आपकी अच्छी पकड़ बन जाती है। हमेशा संपर्क में बने रहने के कारण आप लोगों के जेहन में बसे रहते हैं।

10. समय पर काम पूरा करने की क्षमता- इसमें आपके अंदर एक टाइम फ्रेम के भीतर, समय पर काम पूरा करने की क्षमता पैदा हो जाती है। आप हर काम एक समय के अंदर पूरा करने के प्रति समर्पित हो जाते हैं। लोगों को लगता है कि आपके हाथ में यह काम है तो वह समय पर मिल ही जाएगा।



चुनौतियां-

1. कई बार क्लाइंट का बजट काफी कम होता है और वह चाहते काफी कुछ हैं। ऐसे में मैनेज करना काफी कठिन हो जाता है और आप अपना क्लाइंट खोना भी नहीं चाहते।

2. क्लाइंट काफी उम्मीद लेकर आते हैं। वे सब कुछ तुरंत चाहते हैं। ऐसे में उन्हें समझाना, संतुष्ट करना आपकी काबिलियत पर निर्भर करता है।

3. खुद के ब्रांड को बनाए रखना। दूसरे के साथ अपने आप को भी मार्केट में बनाए रखना एक बड़ी चुनौती होती है।

4. क्लाइंट या मीडिया के लोग जरा भी नाराज हुए तो सोशल मीडिया पर आपके बारे में अनाप-शनाप लिखना शुरू कर देंगे।

5. डेटा के साथ खेलना होगा। अपनी सहुलियत के हिसाब से अपने पक्ष के आंकड़े लोगों के सामने रखने होंगे। उन्हें बताना होगा की आप मार्केट में बेस्ट हो।

6. किसी भी स्थिति या अनहोनी से निपटने के लिए हर वक्त तैयार रहना होगा। हमेशा अपना पक्ष पॉजिटिव रूप से रखते रहिए।

7. परिणाम अपने हाथ में नहीं होता। स्टोरी पसंद आएगी या नहीं। प्रिंट में छपेगा या नहीं, टीवी पर आएगा या नहीं, वेबसाइट पर अपलोड होगा या नहीं, इसमें आप कुछ नहीं कर सकते। आपको बार-बार उन्हें फोन-मेल करने आग्रह करना पड़ता है।

8. कभी भी आपका कैंपेन बंद हो सकता है। किसी हादसे या ब्रैकिंग न्यूज की स्थिति में प्रिंट-टीवी से आपकी खबर आउट हो सकती है। आप उस समय कुछ नहीं कर सकते। आप अपने क्लाइंट को सिवा एक्सक्यूज के कुछ नहीं बता सकते।

9. कभी-कभी कैंपेन, न्यूज के लिए आपको ज्यादा खर्च करना होता है। रिपोर्टर, इन्फ्लुएंसर को बढ़िया गिफ्ट या अन्य तरह के खर्च करने होते हैं।

10. क्लाइंट और मीडिया से सिर्फ काम के समय ही नहीं हमेशा संपर्क में बने रहना पड़ता है।

11. किसी एक पर निर्भर ना होकर हमेशा दो चार ऑप्शन या चैनल तैयार रखना होता है।

12. सिर्फ प्रिंट, टीवी या रेडियो ही नहीं एप के जरिए भी टार्गेट ऑडिएंश के पास पहुंचने की कोशिश कीजिए। ईमेल के साथ व्हाट्सएप से भी उनसे जुड़े रहिए।

13. ब्लॉगर, एप राइटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर के साथ भी संपर्क में रहिए। आजकल लोग इनकी बातों, कमेंट पर ज्यादा विश्वास करते हैं।

14. फीडबैक लेते रहिए। आपके काम के बारे में लोगों की क्या राय है, यह जानना भी जरूरी है।


-हितेन्द्र गुप्ता

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