भारत लगातार डिजिटल शक्ति के रूप में उभर रहा है, लेकिन इसी के साथ-साथ साइबर अपराधियों की नजर भी भारतीय प्लेटफ़ॉर्म्स और संस्थानों पर गहराई से टिकी हुई है। ताजा घटना में देश के प्रमुख हिंदी समाचार चैनल इंडिया टीवी का आधिकारिक यूट्यूब चैनल हैक कर लिया गया। इस हमले ने न सिर्फ तकनीकी सुरक्षा प्रणाली की पोल खोली है, बल्कि स्वतंत्र पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया की मजबूती पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या हुआ इंडिया टीवी के चैनल पर?
सूत्रों की मानें तो इस साइबर हमले में चैनल के 2 लाख से अधिक वीडियो डिलीट कर दिए गए, जिसकी वजह से यूट्यूब पर चल रही लाइव स्ट्रीमिंग और दर्शकों के लिए उपलब्ध कंटेंट प्रभावित हुआ।
इंडिया टीवी जैसे बड़े मीडिया प्लेटफ़ॉर्म का इस तरह निशाना बनना दर्शाता है कि साइबर हमलावर सिर्फ तकनीकी क्षति नहीं पहुंचाना चाहते, बल्कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में सूचना के स्वतंत्र प्रवाह को भी बाधित करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
बढ़ते साइबर हमले और भारत की चुनौतियाँ
सिर्फ मीडिया ही नहीं, बल्कि हाल के वर्षों में भारत के कई सरकारी संसाधन, संस्थान और डिजिटल ढाँचे पर लगातार साइबर हमले हो रहे हैं।
-कभी बैंकों की वेबसाइटें निशाना बनती हैं
-कभी बड़ी कंपनियों के सर्वर ठप हो जाते हैं
-और अब मीडिया हाउस डिजिटल हमलावरों की हिट लिस्ट पर हैं।
शुक्रवार 12 सितंबर को ही मुंबई हाईकोर्ट को मिला बम धमकी का अलर्ट, इस पूरी तस्वीर को और भयावह बना देता है। इस तरह की घटनाएँ साफ तौर पर यह दिखाती हैं कि भारत की स्थिरता और वैश्विक प्रभाव को कमजोर करने की कोशिशें तेज होती जा रही हैं।
इंडिया टीवी का रुख
इस गंभीर मामले पर इंडिया टीवी की प्रबंध निदेशक और सीईओ, श्रीमती रीतु धवन ने कहा कि चैनल का यूट्यूब अकाउंट हैक करना सिर्फ एक संस्थान पर हमला नहीं है, बल्कि यह पत्रकारिता की आवाज़ को दबाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि टीम, यूट्यूब और साइबर सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर डिलीट हुए कंटेंट को वापस लाने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने पर काम कर रही है।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि इंडिया टीवी अपने दर्शकों को सटीक और प्रामाणिक समाचार देने के लिए प्रतिबद्ध है और अन्य प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रसारण सामान्य रूप से जारी रहेगा।
क्यों ज़रूरी है सतर्क रहना?
डिजिटल इंडिया के इस दौर में, जहाँ दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र तेजी से टेक्नोलॉजी पर निर्भर होता जा रहा है, साइबर सुरक्षा अब सिर्फ आईटी का मामला नहीं रह गया है। यह मुद्दा सीधा-सीधा राष्ट्रीय सुरक्षा और लोकतंत्र की स्थिरता से जुड़ चुका है।
भारत को अब ऐसे हमलों के लिए और मज़बूत साइबर सुरक्षा ढाँचे की जरूरत है, ताकि कोई बाहरी ताकत न तो हमारी पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर असर डाल सके और न ही हमारे सूचना तंत्र को बाधित कर सके।
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